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क्रान्ति कथा

पहले भी शीश चढे इस पर

             अब भी हम शीश चढायेगें 
आजाद भगत से सीख मिली 
               हम उसको और बढायेंगे 
आबाद रहे इसकी खुशबू 
               आबाद रहे ये मेरा चमन 
बढती रहे इसकी ताकत 
               आबाद रहे ये मेरा वतन 
उठा गये जो कदम ठोस
                देश प्रेम का लिए जोश 
निभा गये कर्तव्य बोस
               हम आगे और निभायेंगे 
पहले भी शीश चढे इस पर
            अब भी हम शीश चढायेगें 
स्वराज्य हेतु जो कूद पडी
            जलती ज्वाला की खाईं में 
देश प्रेम था भरा हुआ 
                  मर्दानगी लक्ष्मीबाई में 
आजादी की ले मशाल 
                क्रान्ति जो कर गये सुरु 
वतन के लिए फांसी पर झूल गये
          ऐसे थे सुखदेव और राजगुरु 
तब आजादी के दीप जले 
                 आगे हम और जलायेगें 
पहले भी शीश चढे इस पर 
              अब भी हम शीश चढायेगें 
आजादी का मूल्य चुकाया 
                 मिल सब वीर जवानों ने 
प्राणो की आहुति दे दी 
                   आजादी के दीवानों ने 
आजादी के पथ पर चलकर
                  कितने सुपुर्दे खाक हुए 
धू धू कर थीं जलीं चिताए
               अगणित थे तब राख हुए 
क्रान्ति कथा ये है विशाल 
                    कैसे वर्णन कर पायेंगे 
पहले भी शीश चढे इस पर
              अब भी हम शीश चढायेगें 
श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं
                 आजादी के रणधीरो को 
आओ मिलकर नमन करें 
                 भारत माता के वीरों को 
है सदृश तुम्हारी आँखो में 
                  हम हृदय बीच बसायेंगे 
पहले भी शीश चढे इस पर 
              अब भी हम शीश चढायेगें 

उदयबीर सिंह गौर 
खम्हौरा 
बांदा 
उत्तर प्रदेश 




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18 Comments

Adeeba Riyaz

19-Aug-2021 04:39 AM

👌

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उदय बीर सिंह

19-Aug-2021 05:55 AM

Bahut bahut dhanyavad

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Miss Lipsa

18-Aug-2021 04:26 PM

Waah

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उदय बीर सिंह

19-Aug-2021 05:55 AM

Shukriya

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Ravi Goyal

17-Aug-2021 09:15 AM

Waah behatareen 👌👌

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उदय बीर सिंह

17-Aug-2021 01:20 PM

हृदय की अनन्त गहराइयों से बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय रवि जी

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